tag:blogger.com,1999:blog-7253584469764469963.post2902649413890068715..comments2023-09-20T08:56:32.589-07:00Comments on रूहानी सुहानी: अपर्णा खरेhttp://www.blogger.com/profile/00617441175998794025noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7253584469764469963.post-2396063521023246812013-11-03T21:25:15.204-08:002013-11-03T21:25:15.204-08:00पुरुष मन ...कथित कठोर मन...
दर्प से भरे ....दम्भ ...<br />पुरुष मन ...कथित कठोर मन...<br />दर्प से भरे ....दम्भ से भरे ...<br />मगरूर होतें है ....स्त्रियों के लिए ..<br />शायद नहीं....<br />वे समझतें है स्त्रियों की उन प्रेम भरी बातों को<br />जो कभी ख़ामोशी की जुबान से कही जाती है ..<br />तो कभी उल्हाने के रूप में मुख से मुखरित हो आती है <br />प्रत्युत्तर में, बहुत कुछ कहने को होता है.... उनके हृदय में<br />मगर वे उसको मुखर नहीं होने देते ....<br />छिपा लेतें है बड़ी सफाई से अपने उस मन की ओट में...<br />जिन्हें स्त्री बड़ी आसानी से पढ़ लेती है ..<br />और जान लेती है चुपचाप ..<br />मनकी गहराइयों में छिपे ''पुरुष प्रेम'' को...Anonymousnoreply@blogger.com