tag:blogger.com,1999:blog-7253584469764469963.post4768187328973302407..comments2023-09-20T08:56:32.589-07:00Comments on रूहानी सुहानी: किस से करे बात, किसके करीब जाएअपर्णा खरेhttp://www.blogger.com/profile/00617441175998794025noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7253584469764469963.post-4783880239292756012017-08-18T07:17:28.135-07:002017-08-18T07:17:28.135-07:00कोई तों होगा कही
मन के किसी कोने में
बैठा होगा...कोई तों होगा कही <br />मन के किसी कोने में <br />बैठा होगा चुपचाप <br />डरकर चकाचौंध भरी रोशनी से <br />बुदबुदाता होगा धीरे धीरे <br />जिन्दगी पर लिखी <br />दर्दभरी कोई गहरी सी नज्म <br />खोलता होगा घुप्प अँधेरे में कभी-कभार <br />अपनी बंद हुयी आँखों को <br />और टटोलता होगा थरथराती उँगलियों से <br />अँधेरे में किसी "अपने" को<br />पता है तुम्हें ??<br />मरहम नहीं है उसके पास लगाने को ...<br />जख्म ही है बिलकुल तुम्हारे जैसे <br />जख्म बहुत दिए है ज़माने ने <br />जख्मों पर तुम्हारे अपने जख्मों को रख <br />सुबकना चाहता है घडी भर केलिए <br />बताना चाहता है की अहसास है उसको ....<br />तुम्हारी हर एक बात का ..हर एक् जख्म का <br />आखिर ज़माने में दोनों ही के पास <br />एक दर्द है <br />दर्द के भीतर फिर एक दर्द है ...<br />इतर अलग थलग कहीं कोई एक अहसास है <br />कहीं पड़ा है दबा हुआ समय की गर्द में <br />उदास भरी जबरन मुस्कुराती एक मुस्कराहट है <br />तलाशती हुयी आँखें है ...<br />यादों में गुजरे हुए लम्हें है ....<br />लम्हों में शरारतें शिकायतें साफगोईया<br />और अंत में <br />हिचकियाँ लेती हुयी सहमी सी एक छटपटाहट है .. <br />दोनों के पास !!<br /><br /> <br /> <br />Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7253584469764469963.post-2294921482195680402017-08-18T02:01:55.432-07:002017-08-18T02:01:55.432-07:00bahut sundar
bahut sundar <br />nayee duniahttps://www.blogger.com/profile/12166123843123960109noreply@blogger.com