दोस्त ने कहा सच्चे प्रेम पर लिखो
सच्चा प्रेम
दोस्त ने कहा सच्चे प्रेम पर लिखो
मैंने कहा ---
...संवेदनाओं को समझो ---?
अगर संवेदनाओं को समझो गे तो --
सच्चा प्रेम स्पष्ट हो जाएगा ----
नहीं तो मित्रो ----
ये स्वार्थ में बदल जाएगा ----..
मेरे भी दोस्त ने पूछा सच्चा प्रेम क्या होता हैं?
मैने कहा..तुम बताओ क्या तुमने कभी प्रेम को देखा हैं
वो बोला नही वो तो बस एक सीमा रेखा हैं..
जो आगे जाने नही देती हैं
और पीछे की सीढ़ी निकल दी गई हैं
मैने कहा प्यार का पहला अक्षर अधूरा हैं..
इश्क़ का दूसरा अक्षर अधूरा हैं
मुहब्बत का तीसरा अक्षर अधूरा हैं
लेकिन रखो भगवान की चाहत
क्यूँ सच्चा प्रेम वोही करता है
चाहत शब्द अपने आप मे पूरा हैं
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