तीन एह्सास ☺☺☺ एक साथ
एक सुकूने जहाँ की
तलाश में
उम्र गुजार दी
यु ही
न जहाँ मिला
न सुकून
उम्र भी
आधे रस्ते पे
मुँह मोड़ चली
देखना
उड़ न जाये
ये मनौतियां
जो रखी
तुमने संभाल कर
बरस हो गए
अब तो पढ़ लो
उन्हें एक बार
रख छोड़े
जो एहसास
तुम्हारे लिए
वो आज भी
अछूते है
तुम आकर
एक बार ही सही
उन्हें हाथ तो लगा दो
देखना
सब जी उठेंगे
तुम्हारी ऊष्मा से
बतियाने लगेंगे
तुमसे
अपनों की तरह
तलाश में
उम्र गुजार दी
यु ही
न जहाँ मिला
न सुकून
उम्र भी
आधे रस्ते पे
मुँह मोड़ चली
देखना
उड़ न जाये
ये मनौतियां
जो रखी
तुमने संभाल कर
बरस हो गए
अब तो पढ़ लो
उन्हें एक बार
रख छोड़े
जो एहसास
तुम्हारे लिए
वो आज भी
अछूते है
तुम आकर
एक बार ही सही
उन्हें हाथ तो लगा दो
देखना
सब जी उठेंगे
तुम्हारी ऊष्मा से
बतियाने लगेंगे
तुमसे
अपनों की तरह
2 Comments:
देखना
उड़ न जाये
ये मनौतियां
जो रखी
तुमने संभाल कर
बरस हो गए
अब तो पढ़ लो
उन्हें एक बार
................. :)
shukriya sir..
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