तन खाली
मन खाली है
तन खाली है
दुनिया का
हर बर्तन खाली है
उड़ गई खुशियां
रह गए सपने
पड़े कोने में
रहे सिसकते
धीरे धीरे
गुम गए
सारे ख़्वाब सुनहरे
देखे मिलकर
इन आँखों ने
आंखों में है
नींद नही अब
जीते है
उजडन, तड़पन संग
कोरो से
बह रहे
नीर निरंतर
पूछ रहे है
एक सवाल
पी क्या आओगे?
पी क्या मेरे हो पाओगे?
पी भूल तो नही जाओगे?
पी क्या पहले जैसे हो पाओगे?
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