Monday, August 10, 2020

तन खाली

 

मन खाली है

तन खाली है

दुनिया का 

हर बर्तन खाली है

उड़ गई खुशियां

रह गए सपने

पड़े कोने में

रहे सिसकते

धीरे धीरे

गुम गए  

सारे ख़्वाब सुनहरे

देखे मिलकर 

इन आँखों ने

आंखों में है

नींद नही अब

जीते है 

उजडन, तड़पन संग

कोरो से 

बह रहे 

नीर निरंतर

पूछ रहे है

एक सवाल


पी क्या आओगे?

पी क्या मेरे हो पाओगे?

पी भूल तो नही जाओगे?

पी क्या पहले जैसे हो पाओगे?

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home