Monday, July 6, 2020

बिछड़े मीत

जो बिछड़ जाए 
वो मिलते कहाँ है
टूट जाये जो पत्ते
वो जुड़ते कहाँ है
रह जाती है 
दिल मे हज़ार बातें
शिक़ायत के लिए
हम है हाथ मलते
वो सपने  अपने कहाँ है!!!

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