सब कुछ करना पड़ता हैं
सच हैं मैने ही
रची थी महाभारत
पर क्या करता ?
मज़बूर था
भाई भाई का हिस्सा
लेने मे मगरूर था
करनी पड़ी व्यूह की रचना
क्यूँ की पांडव का समय
प्रतिकूल था
पांडव हो कोई,
न्याय दिलाना पड़ता हैं
वरना धरती से सत्य
कही उठ जाएगा
इस धरा पे मानव
साँस कैसे ले पाएगा
ग़लत कहे या
सही कहे तू
सब कुछ करना पड़ता हैं
जीत हो सत्य की
इसलिए महाभारत
भी रचना पड़ता हैं
लाने को शांति
सब कुछ करना पड़ता हैं
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