सुनो में लौट आया हूँ
सुनो
मैं लौट आया हूं
मेरी बातें
मेरे वादे
मैं अपने साथ
लाया हूँ,
सुनो मेरी
धड़कन में
वोही इक साज़
बजता है
अंदाज़ मेरी बातों का
तेरा अंदाज़ लगता है
ख़ज़ान के ज़्अर्द पत्तों को
बर्फ से सर्द
मौसम को
हिज्र की गर्म
आहों को
तन्हाई की
बाहों को
सुनो मैं
छोड़ आया हूँ
अभी जो
सक्त बाक़ी है
मेरा जो
वक़्त बाक़ी है
समेटो मुझ को
बाहो में
मुझे चंद
खुशियाँ दे डालो
मेरे सब गम
समेटो तुम
चंद लम्हे
मुझ को दे डालो
में सब रिश्ते
सभी नाते
सभी बंधन
सभी धागे
सुनो
में तोड़ आया हूँ
सुनो में लौट आया हूँ
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