ख़याल जो दिल मे दम तोड़ देते हैं
ख़याल जो दिल मे दम तोड़ देते हैं
बाहर आने मे शरमाते हैं………..
हम उनको हवा देने से भी घबराते हैं
आज बड़ी मुश्किल से बाहर लाए हैं...
1.मिलते हैं उनसे ऐसे
जैसे अजनबी हो कोई
दिल मे हैं अरमान
लेकिन आँखो मे शर्म का परदा……
मिलो को खुल के मिलो यार..
ये शरमाने की तुम्हारी कौन सी अदा…..
2.नही लगता हैं दिल मेरा अब तेरे बगैर
लोग कहते हैं मरीज ए इश्क़ बन बैठा हैं तू
तुझे क्या मालूम…इश्क़ क्या होता हैं
खुद तो सज़ा दे बैठा हैं तू
आ और मुझे इस मर्ज से निजात दिला…
लोग भी डाले ताला अपने मुख पर
3.जान कर बहुत खुशी होती हैं
जब वो मेरे बारे मे सोचती हैं
जब भी करता हूँ जीने की कोशिश
वो दो चार गम और भेज देती हैं
अच्छा हैं उसका अंदाज़े मोहब्बत
ना जाने क्यूँ वो ...मेरे मे ...जीने की ललक
और भी भर देती हैं….
4. बुझी शम्मा तो ख़याल आया
या खुदा अब तो रुखसती का वक़्त आया
कहाँ जाउगा उनको छोड़ कर ए दोस्त
मन मे यही ख़याल आया…….
वो तो चले जाएँगे शम्मा बुझा कर
हमे कहाँ जाना हैं..ये समझ नही आया…
1 Comments:
thanks Sir....apko pasand ayi meri rachna
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home