Tuesday, December 17, 2013

गाव से शहर को निकला एक युवक...


निहोर की याद मे खुद को जला डाला
उस बेचारी को क्या पता 

अब निहोर नही आने वाला..
पता नही क्या हुआ होगा निहोर के साथ..
शहर की हवा..सबके बस की नही होती..
निगल जाती हैं..ना जाने कितनो को..
सबकी किस्मत अच्छी नही होती..

1 Comments:

At December 17, 2013 at 12:53 AM , Blogger Tamasha-E-Zindagi said...

आपकी यह पोस्ट आज के (१७ दिसम्बर, २०१३) ब्लॉग बुलेटिन - कैसे कैसे लोग ? पर प्रस्तुत की जा रही है | बधाई

 

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