बूढा नायक
शरीर के तल पे
बूढ़े हुए तो क्या
बूढा नायक
थक नहीं सकता
जीवन के इतने बसंत
जो साथ बिताये
उनका क्या
हर बार मौसम
एक से
नहीं हुआ करते
एक सी रातें
एक सी बरसाते
कहाँ मुमकिन है दोस्त
यहाँ तो वक़्त के साथ
टेलीफोन डायरी के नंबर भी
बदल जाया करते है
फिर फूलों के रंगो से
उम्मीद कैसी
चिड़िया का घोसला
आज खाली है
कल फिर आएंगे
नन्हे बच्चे
तुम निराश मत होना
फिर आएगा बसंत
तुम हताश मत होना
बूढ़े हुए तो क्या
बूढा नायक
थक नहीं सकता
जीवन के इतने बसंत
जो साथ बिताये
उनका क्या
हर बार मौसम
एक से
नहीं हुआ करते
एक सी रातें
एक सी बरसाते
कहाँ मुमकिन है दोस्त
यहाँ तो वक़्त के साथ
टेलीफोन डायरी के नंबर भी
बदल जाया करते है
फिर फूलों के रंगो से
उम्मीद कैसी
चिड़िया का घोसला
आज खाली है
कल फिर आएंगे
नन्हे बच्चे
तुम निराश मत होना
फिर आएगा बसंत
तुम हताश मत होना
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