जिस्म का रूह से रिश्ता
सब छूट जाता है
वक़्त के साथ
जिंदगी की टीसन
फिर भी
सालती जाती
याद रहते है
वो लम्हे
जो जिये थे कभी
अपने लिए
तुम्हारे लिए
एक दूजे के लिए
वक़्त का काम है
दूरियां करना,
बिछड़ा देना
रूह को रूह से
दिल है कि
फिर भी
अलग नही
हो पाते
इसी का नाम है
मोहब्बत
जिस्म से
रूह का रिश्ता
जिसे लोग
कभी चाह
कर भी
अलग नही
कर पाते
वक़्त के साथ
जिंदगी की टीसन
फिर भी
सालती जाती
याद रहते है
वो लम्हे
जो जिये थे कभी
अपने लिए
तुम्हारे लिए
एक दूजे के लिए
वक़्त का काम है
दूरियां करना,
बिछड़ा देना
रूह को रूह से
दिल है कि
फिर भी
अलग नही
हो पाते
इसी का नाम है
मोहब्बत
जिस्म से
रूह का रिश्ता
जिसे लोग
कभी चाह
कर भी
अलग नही
कर पाते
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home