Monday, August 10, 2020

लब खामोश है

 

समय की 

क्रूर रस्सी ने

बांध दिए है 

दोनों हाथ


लब खामोश है

दिल मे पसरा है 

गहरा सन्नाटा

कोई नही गुजरता 

इन दिनों

दिल की 

वीरान बस्ती से

अजब सा 

मंजर है


इंतजार है

वक़्त के पहिये का

जो शायद जल्दी घूमे

ले आये पटरियों पे

सामान्य जीवन


सांस आ जाये

ठहरी हुई सी 

भयभीत जिंदगी में


जिंदगी और मौत से जंग बहुत भारी है!!!!😢

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