Thursday, July 7, 2011

मेरा भ्रम..

काली घटाओ 
को देखकर
तुम्हारी याद 
आती हैं
काली घटाओ मे 
कही तुम्हारी
सूरत 
नज़र आती हैं
काली घटाए
आती हैं
और बादलो पे
छा जाती हैं
तुम आती हो 
और हम पे 
छा जाती हो..
वो बरसती हैं
तुम बरसती हो
वो कड़कती हैं
तुम कड़कती हो
लेकिन वो बरस के
बहुत दूर ...
चली जाती हैं
तुम बरस के 
मेरे दिल मे
उतर जाती हो
सोच के भी 
मेरा मॅन
सिहर उठता हैं
क्या ये प्यार हैं
या मेरा भ्रम..



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