Friday, July 15, 2011

मेरा दर्द मुझे समझाता हैं

मेरा दर्द मुझे समझाता हैं
झूठी बातो से बहलाता हैं
पर सच से ये घबराता हैं
मंथन की धरती पे
जीना मुश्किल हैं
ये मुझे भी पता हैं
सच तो सच होता हैं
ये कड़ुवा भी बहुत होता हैं
ये संयोग नहीं कि--
लम्हों को पलों में जीना 
और ----
पलों को सदियों में गिनना ---?
जब कभी 
सोचती हूँ
मॅन विचलित हो जाता हैं
सच और झूठ मे फँस कर
मैं फ़ैसला नही कर पाती हूँ..
कब और कहाँ जाना हैं मुझे????????????




    • Ravindra Shukla पालो को जिया और सदियों ने दफनाया ---आज की विडम्बना उकेरती रचना ---बहुत खूब ---निशब्द हो गया हूँ ----..
      22 hours ago ·  ·  2 people

    • Aparna Khare abhaar dada
      22 hours ago ·  ·  1 person

    • Suman Mishra इतने गंभीर हो जाते हो और उस गंभीरता का परिणाम इतनी सुंदर अभिव्यक्ति आपकी DI.
      21 hours ago ·  ·  2 people

    • Aparna Khare thanks suman..
      21 hours ago ·  ·  1 person

    • Maya Mrig यह कहां जाएं ना जाएं का असमंजस जिस राह पर ले जाए ----वही सच्‍चा रास्‍ता है--
      19 hours ago ·  ·  3 people

    • Aparna Khare सर आपका बहुत बहुत आभार...असंजस की इस्थिति कभी कभी बहुत ख़तरनाक हो जाती हैं...ऐसे मे बस यही कह सकते हैं जिधर हवा ले चली चल दिए....
      19 hours ago ·  ·  3 people

    • Suman Mishra ओह दी......इतनी हल्की हो गयीं ,,,,,पंखों की तरह,,,
      19 hours ago ·  ·  2 people

    • Aparna Khare सच सुमन जी ऐसा लग रहा हैं मेरे पंख लग गये हैं और मैं पूरे आकाश की सैर कर रही हूँ..माया जी का बहुत बहुत धन्यवाद....
      19 hours ago ·  ·  3 people

    • Suman Mishra बहुत सुंदर भावनाएं,,,
      19 hours ago ·  ·  1 person

    • Aparna Khare आपके स्नेह ने हमे विह्वल कर दिया
      क्या थे हम और क्या कर दिया
      चले थे नंगे पाव रेतीली ज़मीन पे
      पाव के नीचे हथेली रख दिया..
      क्या कहु मॅन द्रवित हैं बहुत
      कहने को ना कुछ बचा हैं अभी
      आपके प्यार ने हमे खरीद ही लिया

      19 hours ago ·  ·  2 people

        • Manoj Gupta 
          है दर्द भी अजीब, कैसा खेल करता है
          भरा जो एक ज़ख़्म, एक नया उभरता है

          गिनूं तो दिन हुए कितने बिछड़ के उनसे मुझे
          वो लम्हा दिल पे मेरे बारहा गुज़रता है

          मै आँख भर के कई बार रो चुका हूँ मगर
          ना जाने कौन नए अश्क़ इनमें भरता है

          है इस क़दर को बदनसीब बदनसीबी यहां
          हर एक श्ख़्स बला नाम इसके करता है

          वो मुझसे कहता तो था उम्रभर की दोस्ती है
          जो वक़्त मेरा बुरा है तो अब मुकरता है

          क्या तेरा कोई हक़ चुरा लिया है मैने अज़ाब?
          जो घूम फिर के तू मेरे ही दर ठहरता है
          21 hours ago ·  ·  4 people
        • Niranjana K Thakur bahut khubsurat !
          20 hours ago ·  ·  2 people
        • Rajiv Jayaswal 
          दर्द का रिश्ता अजीब होता है
          वही देता है दर्दे दिल
          जो दिल के करीब होता है |

          दर्द तुम ने दिया
          हम ने लिया
          तुम्हारे पास था
          देने को भला और क्या
          जो कुछ भी दिया
          तुम ने पिया
          शुक्रिया |
          20 hours ago ·  ·  2 people
        • Manoj Kumar Bhattoa wah ! bahut khoob....
          19 hours ago ·  ·  1 person
        • Rahim Khan dard ka rishat to ka bhi apan alag itihaas hain..............ye kai baar usi se mil jata hain jinse hum dawaa ki ummid karte hain...............
          19 hours ago ·  ·  1 person
        • Alam Khursheed Waah Aparna Ji!
          Nice!
          19 hours ago ·  ·  1 person
        • Aparna Khare thanks Manoj ji..dard bahut pyara hain ...kyunki wo hi to jeene ka sahara hain
          19 hours ago · 
        • Aparna Khare Thanks Niranjana K Thakur ji
          19 hours ago · 
        • Aparna Khare Thanks Rajeev ji...dukhate ho usi ka dil jise tum pyar karte ho..
          19 hours ago · 
        • Rajani Bhardwaj मंथन की धरती पे
          जीना मुश्किल हैं............ kyoki manthan me amrut ke sath hlahl bhi aata h..... achchha h aparna
          19 hours ago ·  ·  3 people
        • Aparna Khare Manoj kumar Bhatta hi shukriya
          19 hours ago ·  ·  1 person
        • Aparna Khare Thanks Rajni ji....agar amrit chahiye to jehar to peena hi padega
          18 hours ago ·  ·  1 person
        • Aparna Khare sach kaha Rahim ji...dard bhi dawa ban jata hain jab wo kareeb ata hain
          18 hours ago · 
        • Aparna Khare thanks Alam ji....
          18 hours ago · 
        • Mohan Shrotriya dard aur davaa ka rishtaa puranaa hai, aur kai baar donon ka srot bhi ek hi hataa hai..
          18 hours ago ·  ·  1 person
        • Aparna Khare sach kaha mohan ji...jaise dhatoora ..
          17 hours ago · 
        • Kiran Arya ‎//mera dard har pal mujhe sahlaata hai, sach kahu to mujhe aur sabal kar jaata hai, isne hi to mujhe ladna sikha diya, jeevan ke ran me aage badna sikha diya//..............Kiran Arya
          16 hours ago ·  ·  3 people
        • Bhuwnesh Prabhu Joshi ‎1000+++
          16 hours ago ·  ·  1 person
        • Shamim Farooqui Waah Bahut khoob Aparna Khare.
          15 hours ago ·  ·  1 person
        • Ashvani Sharma बहुत खूब
          14 hours ago ·  ·  1 person
        • Parveen Kathuria bahut sunder rachna..sunder picture ke saath......zindgi ko dard hi raas aayega..
          12 hours ago ·  ·  2 people
        • Meenu Kathuria सच और झूठ मे फँस कर
          मैं फ़ैसला नही कर पाती हूँ..
          कब और कहाँ जाना हैं मुझे..........झूठ और सच के दोराहे पर खड़े होकर इंसान ये सोचने पर मजबूर हो जाता है के कोनसे रस्ते पर चला जाए ........
          11 hours ago ·  ·  1 person




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