रूहानी सुहानी

जीवन की सच्चाइयों को उजागर करता हुआ आपका अपना ब्लॉग जो सिर्फ़ और सिर्फ़ आपके और हमारे अनुभव को बताएगा..कैसे जिया जीवन, क्यूँ जिया जीवन और आगे किसके लिए जीवन हम सब आपस मे बाटेंगे...कही यू ही तो नही कट रहा...स्वासो की पूंजी कही यू ही तो नही लुट रही मिल कर गौर करेंगे..

Thursday, July 14, 2011

आतंकवाद


मेरे भी आँसू आते हैं
मेरा भी दिल दुखता हैं
जब कोई साथी जाता हैं
दुनिया मे आतंकवाद बढ़ता हैं
मेरे भी आँसू आते हैं
मेरा भी मॅन रोता हैं
कहाँ कौन निकला होगा 
सोच के घर फिर आना हैं
बच्चो को अपने दुनिया का
सबसे सफल इंसान बनाना हैं
क्या पता उसे था इतना की
वो फिर लौट ना पाएगा
एक बॉम्ब फूटेगा और वही
वही रह जाएगा
पीछे होगा बिलखता परिवार
बूढ़ी माँ, पत्नी और बच्चे
कैसे दुख सह पाएँगा....
जब दुनिया से इन्सा जाएगा
छोड़ो लड़ने मरने की बाते
आओ प्यार की बात करे
दुश्मन ना रहे कोई अपना
सबसे हिल मिल कर प्यार करे



posted by अपर्णा खरे @ 12:13 AM   0 Comments

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