तेरे रंग..तेरे रूप मे
तेरे रंग..तेरे रूप मे
खो सा जाता हूँ
तेरी यादो को दिल से
निकाल नही पाता हूँ
भूला हुआ अफ़साना हो
या जिंदगी का सच...
आँखो से ये मंज़र
जाता ही नही हैं
बार बार मेरी जिंदगी
मुझे उसी मोड़ पे
क्यूँ ले आती हैं?????????
जीवन की सच्चाइयों को उजागर करता हुआ आपका अपना ब्लॉग जो सिर्फ़ और सिर्फ़ आपके और हमारे अनुभव को बताएगा..कैसे जिया जीवन, क्यूँ जिया जीवन और आगे किसके लिए जीवन हम सब आपस मे बाटेंगे...कही यू ही तो नही कट रहा...स्वासो की पूंजी कही यू ही तो नही लुट रही मिल कर गौर करेंगे..
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