Saturday, July 16, 2011

तेरे रंग..तेरे रूप मे



तेरे रंग..तेरे रूप मे
खो सा जाता हूँ
तेरी यादो को दिल से 
निकाल नही पाता हूँ
भूला हुआ अफ़साना हो
या जिंदगी का सच...
आँखो से ये मंज़र
जाता ही नही हैं
बार बार मेरी जिंदगी
मुझे उसी मोड़ पे 
क्यूँ ले आती हैं?????????

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