अनवरत सफ़र ==========
चाँद चमकता हैं
तारे चमकते हैं
सूरज चमकता हैं
किरने चमकती हैं
धूप खिलती हैं
पवन बहती हैं
फूल खिलते है
नदिया बहती हैं
सब अपने
अंतहीन सफ़र मे
चलते हैं
लेकिन मनुज ऐसा हैं
थोड़ी सी दूरी तय कर
थक जाता हैं,
रुक जाता हैं
जीवन के सफ़र मे
थकना नही हैं,
रुकना नही हैं
अनवरत चलते जाना हैं
आगे बढ़ना हैं
कहते हैं.....
मौत के बाद तो
विश्राम ही विश्राम हैं
मौत चिर निंद्रा हैं...
सफ़र मे चलना जिंदा रहने की निशानी हैं
थकना, रुकना मौत की कहानी हैं...
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