Tuesday, July 19, 2011

नारी का दर्द

नारी तेरी अज़ब कहानी हैं..
पहचान ना पाया तुझे कोई
विडंबना तुम्हारी हैं....
दोष पे दोष दिए जाते हैं
करे हाँ तो ....चरित्र हीन बतावे हैं
करे ना तो.....नखरे दिखावे हैं
चुप रहे तो.....खरी खोटी सुनावे हैं
समझ नही आता कौन करवट उट बैठे??
मॅन उठा पटक मचावत हैं.....
हैं कोई मार्ग तो सुझाओ....
संशय से मुक्ति दिलाओ...
नारी को नारी बनाओ..
अब यही प्रार्थना हमारी हैं..

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