Monday, November 14, 2011

ताज़ा खबर





आसमान मे परिदो ने की आज कार्यवाई हैं
तभी तो चाँद, सितारे, सूरज, बदली सबकी
जान पे बन आई हैं


परिंदो को भी ना जाने क्या सूझा हैं
हर तरफ खबर उड़ाई हैं
कल से नही निकलेगा सूरज
बदली ही बदली छाई हैं
सुनकर बात परिंदो की
बदली भी खिलखिलाई हैं


कही फॅट ना जाए बादल ये सोच के
बादलो पे भी शिकन आई हैं
प्रेमियो के इस कथन पे कि मैं
आसमान से तारे तोड़ लाउगा
तारो की भी जान पे बन आई हैं
देखो ठन गई हैं दुश्मनी 
धरती और आसमानो मे
जब से इंसान ने सोचा कि 
चाँद भी हमारा आशियाना हैं 
चाँद ने भी की अपने 
सर की धुनाई हैं
परिंदो को भी क्या सूझा
मीडीया की बैठक बुलाई हैं
भेज दिया हैं प्रस्ताव संसद मे
ना जाने क्या होगा अब
मुसीबत अब सर पे आई हैं
पतंगो सी उड़ती ख़बरे 
आकाश की सैर कर आई हैं
कहाँ तक खबर सच 
अब तो भगवान को भी देनी सफाई हैं
अब मनाओ खैर उन परिदो की
जिन्होने मौज मे आ कर ऐसी खबर उड़ाई हैं



    • Rajiv Jayaswal a very sweet poem on Children,s Day.
      Monday at 5:17pm ·  ·  2

    • Rajani Bhardwaj suparb........pasand aai...........
      Monday at 6:21pm ·  ·  3

    • Shalini Mehta · Friends with Pratul Mishra and 11 others
      परिंदे बेचारे...
      सूरज के दम पर जो कूदते फांदते...
      रात को जो नाक चिडाते....
      आज घूम रहे है बेफिक्री के आलम में...
      शुक्र है इंसान पहुँचने वाला है चाँद के मयखाने में....
      धरती पर नहीं बचेगा किसी बहेलिये का निशाँ ....
      मित्रो .....हम परिंदों को भी मिलेगा निर्भय होकर जीने का अधिकार ..

      Monday at 6:59pm ·  ·  4

    • Alok Tewari · Friends with Kiran Arya and 2 others
      Very nice
      Monday at 7:08pm ·  ·  1

    • Nirmal Paneri वाह जी सटीक कटाक्ष ...आज के एक स्तम्भ का भी और आपनी बात सही मायनो मैं व्यंग के पंछी को पकड़ा दी ...सटीक जगह पहुँच जाये ...अच्छा प्रयास !!!!!!!!!!
      Monday at 7:24pm ·  ·  4

    • Ashish Khedikar bahut khoob Aparna Ji..
      Monday at 8:04pm ·  ·  1

    • Gopal Krishna Shukla वाह... बहुत खूबसूरत रचना अपर्णा जी
      Monday at 11:58pm ·  ·  2

    • Poonam Matia बचपन का अहसास .............अफवाह फैलाना और फिर पछताना .............वाह Aparna ..वैसे मैंने भी सुना है ............कल से निकलेगा सूरज ..............कैद है अंधेरों की जेल में .............:))))))))))))))
      Yesterday at 1:48am ·  ·  4

    • Alam Khursheed iiiiiiiiiiiii
      Nice Aparna Ji!

      Yesterday at 8:41am ·  ·  1

    • Anjana Kakkar vy nice..
      Yesterday at 11:32am ·  ·  1

    • Ravindra Shukla uttam -----**
      Yesterday at 11:35am ·  ·  2

    • Prateek Shesh ‎*****
      Yesterday at 11:37am ·  ·  1

    • Om Prakash Nautiyal वाह, बहुत सुन्दर रचना है !!
      *

      Yesterday at 12:26pm ·  ·  2

    • Aparna Khare thanks Om Prakash Nautiyal ji
      Yesterday at 12:27pm ·  ·  1

    • Kiran Arya Aparna Khare..........bahut achche mitr bahut badia............:))
      Yesterday at 2:35pm ·  ·  1

    • Aparna Khare thanks Kiran Arya
      Yesterday at 2:37pm · 

    • Kiran Arya Aparna Khare......Itni Aupcharikta kisliye????????????
      Yesterday at 2:42pm · 

    • Aparna Khare nahi koi formality nahi apne ap a gaya kiran likhte hi
      Yesterday at 2:42pm ·  ·  1

    • Kiran Arya Are yaar jab tum jaise dosto se aise aupcharik shabd thx sorry sunne ko milte hai to bada azeeb lagta hai, mujhe suna hai kabhi tumhe shukriya kahte????????????
      Yesterday at 2:43pm ·  ·  1

    • Aparna Khare okkkkkkkkkkkk
      Yesterday at 2:44pm ·  ·  1

    • Kiran Arya Wat???????????????
      Yesterday at 2:44pm ·  ·  1

    • Aparna Khare kaan pakad liya bhai...
      Yesterday at 2:45pm · 

    • Kiran Arya Hehehehe.............ab theek hai........aage se dhayn rakhna........:))
      Yesterday at 2:46pm · 


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