घर के बुजुर्ग घर की शान होते हैं
लेकिन वो लोग नही समझ पाते
जो बेजान होते हैं......
जब जाते हैं वो दुनिया से
तब समझ मे आता हैं
हट जाती हैं छत उपर से...
सिर पे आँधी तूफान होते हैं...
ख़ासने की आवाज़ से
डर जाया करते थे जो लोग
उनके होने से.....
उनके जाते ही...घर
खुला मैदान होते हैं....
करो उनकी हिफ़ाज़त जब तक
हैं वो पास तुम्हारे................
खुदा के दिए वो वरदान होते हैं
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