Tuesday, February 21, 2012

तुम नहीं जानती


मैं सब जानती हूँ
मैं तुम्हे कनखियो से देख रही थी
जब तुम मुझे चुरा रहे थे
लेकिन मैं कुछ नही बोली
क्यूंकी मैं खुद चाहती थी कि
आजीवन मैं तुम्हारे साथ रहू
गुनगुनाउ तुमसे बात करू...
मैं तब से अब तक तुम्हारे साथ हूँ
यही मेरे लिए खुशी की बात हैं...
गुगुनाती हुए उन पुराने प्रेम गीतों को
जिनके बोल अब मुझे समझ आने लगे है .....
सच मे वो बोल मुझे मुझसे चुराने लगे हैं...

2 Comments:

At February 21, 2012 at 9:42 PM , Blogger Unknown said...

Badia

 
At March 12, 2012 at 11:55 AM , Blogger अपर्णा खरे said...

thankuu

 

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