है ये हाल आशिकी में....
दिल -
मत दो दिल को गलिया
उसे जिसका होना था
हो गया.....
सुकून -
सारे छप्पर भी उड़ा ले गया
उनका इश्क़िया तूफान
अब रहे कहाँ, जाए कहाँ
बची तो सिर्फ़ उनकी गलियाँ
सुकून पाए वहाँ
नींद -
नींद ले गये वो
चैन ले गये वो
कैसे सोए
कैसे जागे...
अब बता दे कोय
मकसद -
उनकी तरक्की अपनी तरक्की
उनकी कामयाबी अपनी कामयाबी
अब अपना ना रहा कुछ भी
उनके सहारे जीना हैं..वो खुश
तो हम भी खुश
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