Sunday, February 19, 2012

आज कल विचार ही नही आते

आज कल विचार ही नही आते
पता नही कहाँ चले गये हैं
ये मन को नही सहला पाते
कितनी बार सोचती हूँ
कुछ लिखू..लेकिन दिमाग़ साथ नही देता
दिल भी आज कल ....अपना नही रहा....
कोई आवाज़ नही देता...
पहले घूमाड़ते थे विचार..
झड़ी लग जाती थी...
नही होता था काग़ज़ कलम हाथ मे ...
मोबाइल के ड्राफ्ट मे ही नोट कर लेती थी
अब सब कुछ गोल सा हो गया हैं
कुछ नही सूझता....लगता हैं
विचारो ने अपना रास्ता बदल लिया हैं
क्या करे अब आप ही सुझाए
हो कोई नया रास्ता तो हमे भी बताए
हम अपने विचारो के साथ चलना चाहते हैं
साथ मे नया इतिहास भी रचना चाहते हैं
लेकिन जब विचार ही नही होगा मेरे पास
तो कौन देगा मेरा साथ.....
विचारो एक बार फिर आओ.....
मेरा साथ निभाओ...मत करो ऐसा
मैने हमेशा किया तुमपे भरोसा
आ भी जाओ.....मुझसे दूर ना जाओ..

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home