मैं खुद तुम्हे लेने आया हूँ..
मैने कहा खत लिखो तुमने लिख दिया
मैने कहा भेज देना मुझे
तुमने भेज भी दिया
लेकिन उसे आँसुओ से क्यूँ भिगो दिया?
वो तो मैने यू ही कहा था गुस्से से
और तुमने सच मान लिया
कितनी भोली हो तुम
क्या बिना लिखे मैं तुम्हारे मनोभाव ना पढ़ पाता?
बुद्धू मैं तो तुम्हारे चेहरे से ही जान लेता हूँ
क्या लिखा हैं तुम्हारे दिल मे..........
तुम्हे क्या ज़रूरत बताने की
और डाकिया मान लो खोल देता बिना पते के खत को
हमारा प्यार तो सबके सामने आ जाता
बेकार ही ये खत आख़िरी कहलाता..
अब आँसू पॉच डालो..देखो खत के जवाब मे
मैं खुद तुम्हे लेने आया हूँ..
जल्दी से तैयार हो जाओ....
पहली बस से निकलना हैं.....
वरना देर हो जाएगी...........
2 Comments:
good...
thanks
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