शुक्रिया
कितनो का ऋण हैं हम पर
कभी हमने सोचा हैं
जिस ने जो भी दिया हमे
क्या कभी किया शुक्रिया अदा
हर बात मे दोष निकालते हैं
भूल जाते हैं शुक्रिया कहना
रहते हैं हरदम मायूस.......
जैसे कुछ भी ना
मिला हो यहाँ
सीखे प्यार से सबको गले लगाना,
अपना बनाना, जो हैं बाटते जाना
खुश रहना और सबको
खुशी जताना
यही हैं राज़ जीने का.....
हर पल बस यही मंत्र अपनाना
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