Monday, June 4, 2012

मिट्टी हो मिट्टी पे एतबार करते हो...




क्यूँ टूटे खिलौनो से प्यार करते हो
मिट्टी हो मिट्टी पे एतबार करते हो
दुनिया हैं मिट्टी, मिट्टी मे मिल जाएगी
चाह कर भी तेरे हाथ नही आएगी
क्यूँ तुम बार बार धोखे का शिकार बनते हो
मिट्टी हो मिट्टी पे एतबार करते हो
मिट्टी का सवाल हैं......
मिट्टी का ख़याल हैं
मिट्टी का ही ये सारा बवाल हैं
क्यूँ अटकाते हो खुद को मिट्टी मे
मिट्टी का ही संसार हैं
क्यूँ इस संसार मे अपना वक़्त बर्बाद करते हो
मिट्टी हो मिट्टी पे एतबार करते हो...
क्यूँ टूटे खिलौनो से प्यार करते हो

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