Wednesday, June 20, 2012

रात की रानी



सुना हैं तुम्हे रात की रानी पसंद हैं
तुम करती हो जब उस से बाते.......
मैं रह नही पाता
छिप कर सुनता रहता हूँ..
देखता रहता हूँ ...
तुम्हारे चेहरे को जो
शांत सा महसूस होता हैं..बिल्कुल झील जैसा
जिसमे उठने वाली लहरे
रात को शांत सी हो जाती हैं
तुम्हारे चेहरे की भाव भंगिमा भी जब
मुझे तुम्हारे और करीब ले आती हैं
दिखता हैं मुझे की कितना प्यार समाया हैं
तुम्हारे हृदय मे मेरे लिए.....
जैसे रात की रानी ने भी
अपने भीतर अपनी महक
को छिपा रखा हैं..और वही खुश्बू
मुझे भी तुम्हारे प्यार से
सराबोर कर जाती हैं.......

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