कब्र पे तुम ए जो मेरी रौनक खुद ही आ जायेगी जला दी जो प्यार से एक मोमबत्ती चिता रोशन हो जायेगी
आबाद हुए दिल के जंगल जो लगा वो सीने से
बढ़ गई दिल की बेताबी, लिपटा जो बदहवासी से
जला दी जो प्यार से एक मोमबत्ती चिता रोशन हो जायेगी
ओस की बूँद हूँ मैं ..मत छुना मुझे ...
सूरज के इंतज़ार में रुकी हूँ ले जायेगा मुझे
कतरता हैं पंख मेरे ये उसकी चालाकी हैं
करती उड़ने की जब जब मैं गुस्ताखी हूँ।
तुम्हारा दिल हुआ हमारा आशियाना
एहसासे समंदर में अब दिन रात गोते लगाना
तुमसे जुडी मेरी सारी अनुभूतियाँ हैं।
तुम हो तो जिंदगी में रौशनी हैं।
सारे एहसास तुमसे हैं
क्यूंकि आज से तुम हमारे हो।
तुम्हारा साथ निभाता तो जाने कहाँ पहुच जाता।।
बहुत बद नसीब था वो जो नहीं आया तुम्हारे साथ।।
2 Comments:
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umda....tum ho dost mere .....bhala hi chahoge...
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