सच कहा तुमने...अब मेरा वजूद ना रहा...
तुम मे गुम होकर...मेरा मुझमे कुछ ना रहा..
जो बीती इश्क़ मे....उम्र ही कम पड़ गई...
बिना इश्क़ के जिंदगी बोझिल लगी..
बूढ़े इरादो मे जान हैं...
आज भी ठान ले कुछ करने की तो
काप उठते नौजवान हैं..
इनसे ना टकराना दोस्तो......
इन्होने लिया शुद्ध खानपान हैं
वो दिन हवा हुए....जब तू खास था....
आज मेरे दिल मे कोई खास ना रहा..
एहसासो को छिपा के रखना
चुरा ले ना कोई और बचा के रखना...
मौन के बाद जो पहला शब्द निकलता हैं
वो आत्मा का गीत बन जाता हैं
लग जाती हैं भीड़ वो शब्द सुनने
परमात्मा का रास्ता भी वही से हो कर गुज़रता है
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