Tuesday, March 12, 2013

समय जो गुज़र गया वो सिर्फ़ अब यादों मे महकेगा..





जुए का खेल हैं जिंदगी, जो मिले लगा गले..
इसी मे हैं तेरी भलाई..मेरे मित्र भाई..

मत हो उदास अच्छा दिन भी आएगा..
दुनिया के सारे गमों से तेरा पीछा छूट जाएगा

तबाह करके तुझे मैं भी कहाँ जी पाउगी 
सुकून ना मिलेगा रूह तो कहीं..बस पछताउगी 

तुम मिलते हो तो सब अच्छा लगता हैं
तुम बिछड़ जाते हो तो...अच्छा भी अच्छा नही लगता..

करो जब कोई अनोखा काम तो नाम होता हैं..
अमृत की चाह तो सबको हैं....इस से तो सिर्फ़ आराम मिलता हैं..

नदियो का जो बह गया पानी फिर ना लौटेगा 
समय जो गुज़र  गया वो सिर्फ़ अब यादों मे महकेगा..

मायूसी तब और भी गहरी हो जाती हैं..जब नही मिलता कोई कंधा...संभालने वाला..

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