रूहानी सुहानी
जीवन की सच्चाइयों को उजागर करता हुआ आपका अपना ब्लॉग जो सिर्फ़ और सिर्फ़ आपके और हमारे अनुभव को बताएगा..कैसे जिया जीवन, क्यूँ जिया जीवन और आगे किसके लिए जीवन हम सब आपस मे बाटेंगे...कही यू ही तो नही कट रहा...स्वासो की पूंजी कही यू ही तो नही लुट रही मिल कर गौर करेंगे..
10 Comments:
This comment has been removed by the author.
बहुत खूब अपर्णा जी!
आप भी मेरे ब्लॉग का अनुशरण करें ,ख़ुशी होगी!
latest postअहम् का गुलाम (भाग एक )
latest post होली
तिरस्कार के बाद जब कोई प्रेम की दृष्टि डाले तो संदेह उठना लाज़मी है ...सुंदर
एक नजर इधर भी डालेगीं .मेरे ब्लॉग (स्याही के बूटे) पर ..आपका स्वागत है
http://shikhagupta83.blogspot.in/
Shukriya Tushaar ji..
Jaroor..ye tom hamara aho bhagy hoga....Kalipad ji..
sach kaha apne...Shikha ji...Apka blog hamara bhi blog hain avashy aaungi...
Shukriya Sada....................tumhari sada ka sadaiv sawagat hain...
Tushaar Ji mujhe to nahi dikh rahi apni ye kavita apke blog pe...ha pehli wali hi show ho rahi hain..
सुन्दर रचना। आभार :)
नये लेख :- समाचार : दो सौ साल पुरानी किताब और मनहूस आईना।
एक नया ब्लॉग एग्रीगेटर (संकलक) : ब्लॉगवार्ता।
apka bahut bahut shukriya Harshvardhan ji...
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home