Wednesday, March 6, 2013

दरवाजे की खटकन




हर बार दरवाजे की 
खटकन 
तेरी याद दिलाती हैं
जब भी हवा चलती हैं..
लगता हैं वो आती हैं..
अभी खुलेगा, अभी आएगा 
झोंका खुश्बू का..
मन मे बार बार 
यही बात क्यूँ आती हैं???


किस्मत का चक्र ऐसा था
वो मेरा था मैं उसका था..
तभी  आई तेज़ आँधी
दोनो का बिखरना लाजिमी था..



1 Comments:

At March 7, 2013 at 1:13 AM , Blogger Madan Mohan Saxena said...

पोस्ट दिल को छू गयी.कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने.बहुत खूब
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