अपने पापा की याद मे..
अपने पापा की याद मे..
अपने हमसे रूठ गये
मानो सपने सारे टूट गये..
नही रहा अब कोई अपना..
बीच राह मे छूट गये...
पापा आप जबसे गये हो..
हमसे खिलौने भूल गये..
जीवन की सच्चाइयों को उजागर करता हुआ आपका अपना ब्लॉग जो सिर्फ़ और सिर्फ़ आपके और हमारे अनुभव को बताएगा..कैसे जिया जीवन, क्यूँ जिया जीवन और आगे किसके लिए जीवन हम सब आपस मे बाटेंगे...कही यू ही तो नही कट रहा...स्वासो की पूंजी कही यू ही तो नही लुट रही मिल कर गौर करेंगे..
2 Comments:
स्म्रतियां ............
shukriya....janam janam ka rishta jo hain....hamara..
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