सारा भेद फेस बुक पे रहा ना कुछ अनमोल..
आज मारे कल खबर छपे, बात हुई ना गोल
जै हो फेस बुक महारानी की..
जबसे बढ़ गई हैं फेस बुक पे चोरी
नही करता मॅन कुछ भी लिखने का..
ज़ज्बात भी हो गये हो जैसे चोरी
चोर भी इतने निडर हैं की पूछो मत
ज़रा भी नही डरते कुछ भी चुराने से
शायद संस्कार भूल गये हैं माँ बाप के
बिना पूछे किसी से किसी का
कुछ भी नही लिया करते....
अब तो सब किताबी बाते हैं
सब करते हैं मनमानी ....नही डरते किसी से..
ना चोरी से, ना लड़ने से, ना झूठ बोलने से..
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