तुम्हारा दिया नाम मुझे अब भी याद हैं..
तुम्हारे बिना सब उदास थे...
रातें, गीत, नगमे...तारें, हवा, चाँदनी सब..
तुम आए तो सब एक साथ चहक उठे
उदास चेहरे अच्छे नही लगते..ज़रा मुस्कुराव तो..जिस्म मे जान लौट आए..हमारे
तुम्हारा दिया नाम मुझे अब भी याद हैं..
कुछ बिल्ली से मिलता जुलता....
चूहे के करीब से गुज़रता हुआ..
तुम शब्दो संग विहार करो..
धरा पे ..सबसे प्यार करो..
कैसे बचाते छत अपने घर की जमाने से..
लोग जो खड़े थे.घर के बाहर .दुश्मन के भेष मे
अंधेरी रात से कह दो हमे ना जाए छोड़ कर..
एक उसी के सहारे तो हम..खुद तो ढूँढ पाते हैं..
मिले जो आप तो आपसे हमे कुछ कहना हैं..
मत जाइएएगा हमे छोड़ कर कहीं..हमे आपके संग रहना हैं..
रातें, गीत, नगमे...तारें, हवा, चाँदनी सब..
तुम आए तो सब एक साथ चहक उठे
उदास चेहरे अच्छे नही लगते..ज़रा मुस्कुराव तो..जिस्म मे जान लौट आए..हमारे
तुम्हारा दिया नाम मुझे अब भी याद हैं..
कुछ बिल्ली से मिलता जुलता....
चूहे के करीब से गुज़रता हुआ..
तुम शब्दो संग विहार करो..
धरा पे ..सबसे प्यार करो..
कैसे बचाते छत अपने घर की जमाने से..
लोग जो खड़े थे.घर के बाहर .दुश्मन के भेष मे
अंधेरी रात से कह दो हमे ना जाए छोड़ कर..
एक उसी के सहारे तो हम..खुद तो ढूँढ पाते हैं..
मिले जो आप तो आपसे हमे कुछ कहना हैं..
मत जाइएएगा हमे छोड़ कर कहीं..हमे आपके संग रहना हैं..
1 Comments:
taron ne ki shikayat ki suraj se
chaand dhundhta hai tumhen galiyaron me
tum suraj kabhi aakar chhoo lo use
chaand ja chhipa hai ab andhiyaron me
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