ढोंग हैं उनका प्यार...
दिल से बेख़बर...
दिल की बात कहाँ सुनते हैं..
वो प्यार कैसे करेंगे ?
जो मोहब्बत मे भी
राजनीति करते हैं..
ढोंग हैं उनका प्यार...
तभी झूठ, फरेब संग
वो जी लेते हैं..
खेल लेते हैं..जीत लेते हैं..
दिल की बात कहाँ सुनते हैं..
वो प्यार कैसे करेंगे ?
जो मोहब्बत मे भी
राजनीति करते हैं..
ढोंग हैं उनका प्यार...
तभी झूठ, फरेब संग
वो जी लेते हैं..
खेल लेते हैं..जीत लेते हैं..
2 Comments:
क्यूँ न एक बार उनसे ही पूछा जाये ....
प्यार में राजनीती का मतलब जरा वो बताय ....
गर न बताय वो तो क्यूँ न उन्हें इस कदर सताया जाय..
की अनबोले उलझे रहस्य से पर्दा ही उठ जाये ..
sach kaha
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