Tuesday, September 3, 2013

अपनी हथेलियों मे..

सहेज कर रखा हैं तुमने
मुझे अपनी हथेलियों मे..
खुशनसीब हूँ मैं जो..
मिला हैं तुम्हारा इतना प्यार...दुलार
खुद को दुनिया का
सबसे धनी मानती हूँ..
मिला हैं जो साथ तुम्हारा तो...
खुद को भी पहचान पाती हूँ..
तुम्हारे बिना तो जैसे दुनिया ही
ख़तम नज़र आती हैं....
यू करते रहना प्यार हमेशा......
क्यूंकी प्यार ....हमारी रूह का हिस्सा हैं...
उतार दिया हैं जिस्म मे तुमने ऐसे....जैसे..
तू मेरे ही जिस्म का हिस्सा हैं......

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home