Tuesday, December 31, 2013

काश कोई साल तो ऐसा आए..


कुछ नही होगा बस....
दीवार का कॅलंडर
बदल जाएगा...आ जाएगा
नया साल..
लेकिन..कुछ भी नही
बदल .पाएगा..होता आया हैं
सदियो से यही..
हम मन को समझाते हैं...
शायद...बदल जाए
ग़रीब के हालात..
अबकी साल
ना सोए कोई भूखा...
सब बच्चे जाए स्कूल...
कोई ना मिले बीनता कूड़ा
खुशहाली ऐसी आए की...
हर औरत हो सुरक्षित...
पुरुष मर्यादा मे नज़र आए...
काश कोई साल तो ऐसा आए..
काश नया साल...कुछ तो
खुशिया लाए..हम सब साथ मिल कर मुस्कुराए..



1 Comments:

At December 31, 2013 at 7:53 AM , Blogger डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
--
गये साल को है प्रणाम!
है नये साल का अभिनन्दन।।
लाया हूँ स्वागत करने को
थाली में कुछ अक्षत-चन्दन।।
है नये साल का अभिनन्दन।।...
--
नववर्ष 2014 की हार्दिक शुभकामनाएँ।

 

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