Wednesday, June 10, 2015

जब रोने का दिल करे तो

जब रोने का दिल करे

किसी दरवाजे से चिपक जाना
किसी गरीब की रोटी बन जाना
किसी बेरोजगार की नौकरी खोज लाना
किसी बीमार की दवा बन जाना
किसी विधवा माँ की जवान बेटी के लिए
वर खोज लाना
किसी गुंडे को मानवता का सबक पढ़ाना
किसी सिसकते बच्चे के साथ कुछ देर के लिए बच्चा बन जाना
किसी वृद्ध के साथ कुछ पल बिताना
किसी माँ को उसके खोये बेटे से  मिलवाना
और भी बहुत काम है जो लिखने से रह गए है उन्हें करना और सबसे करवाना

सच्ची आंसू तो बचेंगे ही नहीं अच्छा ही अच्छा महसूस होगा सो अलग

1 Comments:

At June 16, 2015 at 9:39 PM , Anonymous Anonymous said...

aameen ....

 

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