Friday, April 24, 2015

sun radha

सुन राधा
मैं तेरा कान्हा
तुझे छोड़ जाउगा 

एक दिन
मेरे प्यार मे तू

दीवानी सी घूमे
दे जाउगा

विरह गीत इतने
उमर भर तू मुझे
पा ना सकेगी
मेरी छवि को

भुला ना सकेगी
देती रहेगी तू

मेरे प्यार की दुहाई
फिर भी अपना 

बना न सकेगी
दोषी हूँ तेरा
मुझे  माफ़ करना
दिल मे जो आए
सज़ा वो तुम देना

तुझे खोकर
शांति
मुझे भी
कहाँ आ सकेगी

1 Comments:

At April 25, 2015 at 1:18 AM , Anonymous Anonymous said...

:(

 

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