अब मौत से डर नही लगता
अब मौत से
डर नही लगता
रोज़ आती है
किसी न किसी को
ले जाती है
औरों की तरह
हम सब भी
कतार में खड़े है
अपनी पारी के
इंतेज़ार में
कब लाइन
आगे बढ़े
मेरा नंबर आये
मौत मुझे अपने
आगोश में ले जाये
हमारे उन
अपनो के पास
जो हमसे पहले
जन्नत पहुँचकर
बेसब्री से
हमारा ही
इंतेज़ार कर रहे है
बिछा रखी है
कोमल पलके
हमारे लिए
हम है कि
मौत के नाम से
कांपते है
उनके पास
जाने से ही
डरते है।
(अप्पू का आज का ज्ञान)
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