सब धरती पे छूट जाता है
इंसान चला जाता है
धरती का दहेज
धरती पे रह जाता है
रह जाती है
अनगिनत यादें
उसका अनूठा प्यार
सबका ध्यान
रखने का स्वभाव
खिलखिलाहटें,
जी भर कर देखना,
कभी रोना,
कभी हंसना,
कभी हताश होना,
कभी औरों को
दिलासे देना
न जाने
कितने छिपे स्वभाव
ये तो हुई उसकी आदतें
इनके सिवा
लैपटॉप, मोबाइल,
मोटर गाड़िया,
ढेरों मनपसंद कपड़े
म्यूजिक प्लेयर, जूते चप्पल
सीडी, कसरत के सामान
और न जाने क्या क्या...
नाम रह जाता है...
Designation भी
याद किया जाता है....
पुरानी फोटुएं
खूबसूरत चेहरा
बार बार बुलाता है...
सब छूट जाता है....
और
इंसान गुम हो जाता है...
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home