Monday, June 1, 2020

गुरु से बड़ा न कोय??


बिछुड़ा हुआ आदमी
न पहुँच पाया कही
लिया वेदों, 
ऋचाओं का सहारा
पढ़ी गीता, रामायण
बाँचा संसार सारा
बंद ताले भला 
कैसे खुलते????

जब तब न लिया 
जीवित गुरु का सहारा

(गुरु हर बंद ताले की चाबी होते है।)

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