शहर में बारिश और तुम्हारी बेसबब याद
वो तेज़ दौड़ती
काली मोटर साइकिल
हवा में लहराते
तुम्हारे बाल
गोल गोल सीटी बजाते
तुम्हारे ओठ
बेफिक्र सी हंसी
सोच में तुम्हारी
हर वक़्त मैं
कालेज के बाहर
मेरे छुट्टी होने का इंतज़ार
हल्की सी बारिश
तुम्हारा गहरी आंखों से
मुझे देखना
फिर शहर से दूर
छोटी सी टपरी में
बैठकर गरमा गरम चाय पीना
मेरा जल्दी घर पहुचने के लिए
व्याकुल होना
सब वक़्त के साथ खो गए
हम तुम दोनों बड़े हुए!!!
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