Friday, June 5, 2020

शहर में बारिश और तुम्हारी बेसबब याद



वो तेज़ दौड़ती 
काली मोटर साइकिल
हवा में लहराते 
तुम्हारे बाल
गोल गोल सीटी बजाते 
तुम्हारे ओठ
बेफिक्र सी हंसी
सोच में तुम्हारी 
हर वक़्त मैं

कालेज के बाहर 
मेरे छुट्टी होने का इंतज़ार
हल्की सी बारिश
तुम्हारा गहरी आंखों से
मुझे देखना
फिर शहर से दूर
छोटी सी टपरी में 
बैठकर गरमा गरम चाय पीना
मेरा जल्दी घर पहुचने के लिए
व्याकुल होना

सब वक़्त के साथ खो गए
हम तुम दोनों बड़े हुए!!!


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