Wednesday, September 2, 2020

किताब सी जिंदगी होती तो

 


काश 

जिंदगी भी 

कोई किताब होती

हर सफ़हे को पढ़ते

पन्ने उलट पुलट करते

सीने पे रखते 

किताब को

गहरी नींद सो जाते


किताब का हर किरदार

ख़्वाब बन 

आंखों में 

तैरता रहता

उन किरदारों के साथ

बातें करते

घूमते फिरते 

लौट आते...


लेकिन 

ये तो जिंदगी है

हक़ीक़त है

बहुत कड़वी है 

इसे पीना कोई आसान नही

बस जिंदा रहना है....


जब तक है सांसे


क्योंकि

मरना कोई आसान नही

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