प्रेम
सच कहा उसने
प्रेम का मतलब है
एक दूजे में ढल जाना
कुछ न याद रहना
कुछ न आजमाना
हद दर्जे का विश्वास
न रहे जिस्म की ज़रूरत
लफ्जों की जुम्बिश से
सब समझ जाना
प्रेम वो ताक़त है
जो हिला देती है दुनिया को
तभी तो प्रेम को
दुनिया के दायरे से है
हट जाना
प्रेम में लफ्ज़ नही
आंखे बोलती है
आंखों में छलकता विश्वास
गवाही देता है
सच्चे प्रेम की
लोगो ने तो प्रेम को
सतही बना दिया है
जबकि प्रेम दुनिया की
सबसे अजूबी चीज है
हो जाये तो होश नही रहता
पंख लग जाते है
पहिये लग जाते है
जेट की स्पीड से
दौड़ता है प्रेम
लेकिन सामने वाले को
संभालना भी आना चाहिए
वरना
एक्सीडेंट कर बैठता है
प्रेम
तोड़ देता है खुद को
तबाह हो जाता है प्रेम
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