Thursday, February 23, 2012

आपके बेटे का आपसे
सवाल पूछना लाज़िमी हैं
आप ने भी कभी पूछे थे
अपने पिता से कुछ सवाल
जो आपके बेटे के जैसे सवाल नही थे.... कुछ अलग थे
जैसे पिता जी ये रोड कहाँ तक जाती हैं?
चलती तो रैल्गाड़ी हैं और आता शहर कैसे हैं?
सब कहते हैं कानपुर आ गया...
गाड़ी आएगी या कानपुर.....
आपके पिता जी भी चकरा जाते थे
वो भी आपके सवालो का
जवाब नही दे पाते थे...
आज वही हाल आपके बेटे ने
आपका कर रखा हैं...........
नोकिया वाले अंकल आंटी का नाम राधा कृष्ण हैं....
जूते ८ नो. के हो या १० नो.. के एक ही दाम मे आते हैं
नो. से दाम नही घट जाते हैं.....
या फिर गेंदे का फूल इतनी पांकुरी वाला होता हैं
कि अगर देने लगे तो दो दर्जन
लड़कियो के बाद भी ना ख़त्म हो
ऐसे ही अनगिनत सवाल उसे सताते हैं
आप ही की बच्चे का सामना नही कर पाते हैं
कोशिश करे...बच्चो के सामने बच्चे बन जाए
सवालो से पीछा छूट जाएगा...........
मॅन एक बार फिर......खुश हो जाएगा

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