Wednesday, May 30, 2012

माना जिंदगी कोई चटकीला अख़बार नही हैं
इश्क़ जैसा प्यारा कोई काम नही हैं
तेरे कहने पे मैं चला जो नई राहों को खोजने.....
मैने यही पाया यार तेरे जैसा कोई यार नही हैं..............

बात बराबरी की होती हैं
गर वो हैं जेंटल मेन तो वो मालिका ए हुस्न होती हैं
रहते हैं दोनो अपनी अपनी रियासतो मे...................
मुलाकात बहुत कम होती हैं.........

मिला क्या...तेरा किनारा ........छूने से.....जले हाथ.....जला दिल...

क्या करे तुम्हारा दुश्मन बेचारा...... तुमपे अब तक मरता हैं
नही भूल पाता तुम्हे ...तुम ना सही ..तुम्हारा ज़िक्र ही करता हैं

दिमाग़ से कब हर सौदा सही हो पाया हैं
ये तो मेरे यार दिल का सौदा हैं...इसमे  क्यूँ दिमाग़ लगाया हैं....

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