सपने अधूरे
जिंदगी के अंधेरे
सब लूट लेते है...
रह जाती है
आंखों में
एक ललक
उन विचारों की
जो जिंदगी के
सबसे सुंदर सपने थे....
लेकिन
जी भर के
देख नही पाए...
जी नही पाए..
रह गए
आंखों में ही मचलते....
जिन्हें लोगो ने
लील लिया
या खुद ही देदी
उन सपनों की आहुति
दूसरोंकी खातिर...
नर्मदा में....
क्योंकि नर्मदा माई
तो माँ है....
सब जानती है
अपने अंक में
छिपा लेगी...
मेरे सारे
अधूरे सपने
जैसे मरने के बाद
सबकी राख को
रखती है
समेट कर ...
अपने भीतर...
बाहर से चाहे
जितना लहराती
हरहराती हो!!!😢
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